बनना चाहती है बहुत कुछ, करना चाहती है बहुत कुछ !
जाना चाहती हैं यहाँ वहां, देखना चाहती है सारा जहाँ
कल्पनाएँ करती रहती है ,सोचना चाहती है बहुत कुछ !
चाहती है सब कुछ समेट लेना ,पाना छूना चाहती है आस्मां
चाहती है सारी खुशियाँ पाना, होना चाहती है बहुत खुश !
नीले गगन में सपनो के, पर लगा कर बुलंदियां छूना
जग से जीत जाने की धुन में, बुनना रुपहली ख्वाब कुछ !
बेटा बन पहुंचना चाहती है ,जीवन की असीम ऊँचाइयों पर
पर लड़की होने के नाते , कुर्बान करना पड़ता है बहुत कुछ !
जहाँ पहुँचने से पहले ही , उसे एहसास दिला दिया जाता है
की तुम एक लड़की हो, सिर्फ और "सिर्फ एक लड़की" !
रेज़ा रेज़ा यूँ ज़मीर क़त्ल करने से तो बेहतर होता
काश ... ज़िन्दगी ख्वाब ही होती तो अच्छा होता !
Aurat Ke Jeevan Ke Dard & Balidaan..
ReplyDeleteAaj Bhi Humara Desh Ladke Ladki me Farkh kiya jaata hai...
Kehne ko hai bahut.. Dard ko sahi tarah se dikhaya.. Bahut Khoob :-)..
Tumhari Har Dua Kubool Ho... Har Khwaab Sach :)
वाह...!
ReplyDeleteआपने तो लड़की की आकांक्षाओं और कल्पनाओं को बहुत ही
करीने से प्रस्तुत किया है!
आपके लेखन में धार है।
नियमित लिखती रहो!
very nice one really true emotions of a girl beautifully expressed
ReplyDeleteWaah !! Bahut Umda !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर ढंग से आप ने एक नारी के दिल की बात कही
ReplyDeleteआकांक्षा जी, आपकी कविता अति सुन्दर है, शब्द व अभिव्यक्ति सुरुचिकर है, किन्तु कविता में व्यक्त आपकी पीड़ा से मैं पूर्णतया सहमत नहीं हो सकता हूं।
ReplyDeleteपुरुष व नारी के प्राकृतिक भेद को सहज स्वीकार करके ही हम ऐसी वेदना से बच सकते हैं। दोनों लिंग एक दूसरे के पूरक बन स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं एक दूसरे की होड़ करके नहीं।
तनिक विचार करें, महिलाएं तो पुरुषों के बहुत से कार्य कर सकती हैं, किन्तु पुरिष अधिकांश नहीं कर सकते हैं।
बेहतरीन भाव व विचार
ReplyDeleteख्वाबों से आबाद जिंदगी
ReplyDeleteकरती है फरियाद जिंदगी
रेज़ा रेज़ा यूँ ज़मीर कत्ल करने...........
ReplyDelete०-बहुत उम्दा पंक्ति...बेहतरीन भाव!!
जिंदगी ख्वाब ही होती तो अच्छा था ...ना सही ...ख्वाब की एक अलग दुनिया ही सही ...!!
ReplyDeleteichha karna jeevan ki sabse khatarnak aur sooksham kala hai ... sawdhan!
ReplyDeleteअरे कल एक परी से मुलाकात और आज इस मासूम की आखों में इतना दर्द ,,,,? आकांक्षा , इसमें कोई शक नहीं कि आपने जाने कितनी भावनाओं को शब्द दे दिया और ख्वाब तो ख्वाब हैं वे अक्सर जिंदगी से हसीन होते हैं । दुनिया की हर परी के सारे ख्वाब सच हों, सुंदर हों हम तो यही कामना करेंगे
ReplyDeletebahut hi sundar aur gahan bhavavyakti.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति---पसन्द आयी आपकी पोस्ट्।
ReplyDeleteपूनम
गर्म झोंके बन रहे बेटे
ReplyDeleteबेटियाँ ठंडी हवाएं हैं.
-अजहर हाशमी.
बहुत सुंदर....अच्छा लगा पढ़कर
ReplyDeletehttp://veenakesur.blogspot.com/
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (09-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!