इस तरह घुला है मेरे ख्यालों मे तसव्वुर तेरा,
तू ही तू दिखे चाहे बयान किसी और का हो...!
मेरे एहसास मे बसी है तेरी महक कुछ इस कदर,
जैसे सावन की बारिशों ने गुलाबों को भिगोया हो...!!!
तिनका तिनका जुड़ रहा है तेरी यादों का ताना बाना,
जैसे चांदनी रेशम के तारों मे ओस को पिरोया हो...!
तेरा ज़िक्र मेरे ज़हन मे महकती खुशबू गीली मिटटी की,
जैसे रजनीगंधा की बगिया मे पानी का बिछौना हो ...!!!
तुम्हारे सतरंगी ख़्वाबों से महकती हैं आँखें मेरी,
चम्पई यादों से महका दिल जैसे ज़ाफ़रान हो...!
तेरी महकती यादों से ही है मेरे मन मे उजाला ,
उतरी चांदनी मेरे आँगन मे,तन्हा चाँद जैसे खोया हो ...!!!
नहीं हो साथ फिर भी मिलेंगे कभी ना कभी कहीं ,
दिल मे अधूरी उम्मीद सा मासूम ख्वाब संजोया हो...!
तुम नहीं आओगे जानती हूँ हकीक़त दौर ए दुनिया की,
ना रहे बाकी ये साँसे तुमको पाके भी अगर खोना हो ....!!!
सदा तेरी नज़रों मे हो अक्स मेरा यूँ ही महके नज़्म मेरी,
कभी तेरे आगोश की जन्नत मे मेरी रूह को पनाह मिले...!
तेरे संदली लम्स की खुशबू तुम्हारी याद तो खुदा सी है ,
उसी लम्हे मे जी लूँ जिंदगी फिर भले मौत के आगोश मे सोना हो ...!!!
abhi to kahani baki hai,
ReplyDeletetujhe puri dastan sunani hai,
mohabbat me zindagi lutana,
ye hakiqat purani hai.
Hamesha ki tarah behtareen lekhan..
ReplyDeleteDil se likhi hui har line, Dil ko chu jaati hai..
बहुत भावुक. कोमल एहसास। अच्छा लिखा। बधाई :)
ReplyDeleteखूबसूरत एहसास
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत लिखा है..!!!
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत...
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