Friday, December 25, 2009

एक अकेली मैं हूँ और साथ मेरे मेरी तन्हाई



एक अकेली मैं हूँ और साथ मेरे मेरी तन्हाई
रात घिरी निस्तब्ध मगर मुझे नींद ना आई
दिलो को चीरते हैं खामोशियों के पसरे सन्नाटे
खोया खोया चाँद भी गुमसुम ख़ामोशी छाई !
आ जाए जो मुझे नीदं तो शायद आयें मीठे सपने
सपने में ही गर आ जाओ कभी तो मेरे अपने
तारों भरी रात में आंसुओं की बारात आई
गूंज रही हर इक पल तेरी यादों की शहनाई !
पलकों पर ठहरे हैं कुछ ओस के मोती मनके से
रुक जाए गर ये पल यही भर लूं मैं अंखियों में
धुंधले यादों के जंगल में फिरती हूँ बौराई
अब तक तुम ना आये सोच के हूँ अकुलाई !
जी चाहे मिल जाए मुझे इक आस का जुगनू
ना दूर तक रौशनी है ना ही कोई परछाई
खोलूँगी ना पलकें अपनी फिर कभी हो रुसवाई
एक अकेली मैं हूँ और साथ मेरे मेरी तन्हाई !



18 comments:

  1. "जी चाहे मिल जाए मुझे इक आस का जुगनू
    ना दूर तक रौशनी है ना ही कोई परछाई
    खोलूँगी ना पलकें अपनी फिर कभी हो रुसवाई
    एक अकेली मैं हूँ और साथ मेरे मेरी तन्हाई !"

    बहुत ही नाजुक शेर लिखें हैं आपने तो!
    इन मखमली शब्दों की जितनी तारीफ की जाए कम है।

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  2. very nice emotions always i am not a poet but i always wonder and like how the words become and influnce our minds in such a beautiful way .....................

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  3. Khoobsoorat to hai sath hi sundar bhi!...


    Regards

    Ram K Gautam

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  4. आपके लिए एक सुझाव है, आपके ब्लॉग का हेडर और उसमे लिखे शब्द काफी कंप्रेस्ड हैं... उसका कोई इलाज़ कीजे, ब्लॉग और खिल उठेगा!...

    शुभ भाव

    राम कृष्ण गौतम

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  5. Beautifully described pain of missing someone special...

    As always, poetry is heart touching..

    Delighted to be Ur Friend.

    Praying All Your Wishes Come True...
    God Bless You With All Happiness & Success U Determine :)

    Take Care,
    Your's Truey
    B Jain

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  6. एक उम्दा भावपूर्ण अभिव्यक्ति!!

    क्रिसमस एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    सादर

    समीर लाल

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  7. बढिया.शुभकामनाएं.

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  8. bahut hi gahre ahsaas liye hai.........ek tadap darshati huyi rachna.

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  9. सुन्दर रचनाये प्रभावित हुआ ! ब्लॉग का टेम्पलेट भी सुन्दर है ! कहाँ से प्राप्त किया पता देगे तो आभारी रहूगा

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  10. Dearest AKANKSHA JI,

    WISH YOU A VERY HAPPY AND REMEMORABLE NEW YEAR!...

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  11. प्रकाम्य और आकांक्षा जितने साहित्यिक हैं नाम.
    उतना सुन्दर ब्लाग बना है,प्यारा-ललित-ललाम.
    प्यारा ललित ललाम, ये नगमा भी बन पाता.
    शुभ-कामना है, जन-गण-मन को पूरा भाता
    इस साधक को (काश!)फ़िर आने की बने आकांक्षा.
    बङे साहित्यिक नाम, प्रकाम्य और आकांक्षा.

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  12. खोलना न पलकें,वरना टूट जायेगी तनहाई।सासों पर एतबार रखो, जरूर बजेगी शहनाई।।

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  13. खोलना न पलकें,वरना टूट जायेगी तनहाई।सासों पर एतबार रखो, जरूर बजेगी शहनाई।।

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  14. अगर सासों पर एतबार नही,तो न करो इन्तजार यही सही। सपनो को दामन मे रखने से,सिवाय सिसकियाँ और कुछ देती नही।।खोलना न पलकें वरना टूट जायेंगी तनहाई,सासों पर एतबार रखो जरूर बजेगी शहनाई।।

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  15. waah ...waah
    kya baat hai ... bahut khoob

    bahut sundar rachna
    padhkar achha laga.

    aabhaar evam shubh kamnayen

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